रोज़ दिन एक-सा होता है। लेकिन आज ऐसा नहीं होगा। रेचल रोज़ सुबह वही ट्रेन लेती है। वह जानती है कि ट्रेन उसी सिग्नल पर रुकती है जहाँ से घर के पीछे बने बगीचों की क़तार नज़र आती है। उसे यहाँ तक लगने लगता है कि वह उन घरों में से एक में रहने वाले लोगों को जानती है। उसे लगता है उन लोगों का जीवन एकदम परफ़ेक्ट है। काश, रेचल भी उनकी तरह खुश रह पाती! अचानक वह एक हैरतअंगेज़ दृश्य देखती है और एक पल में सब कुछ बदल जाता है। रेचल ने जिन लोगों की ज़िंदगियों को दूर से देखा था, अब उसके पास उनका हिस्सा बनने का मौका है। अब वे लोग देखेंगे : रेचल केवल ट्रेन पर सवार कोई आम लड़की नहीं बल्कि उससे ज़्यादा कुछ और भी है... ‘सनसनीखेज़’ - डेली मेल ‘इस किताब ने मुझे रात-भर सोने नहीं दिया’ - स्टीफ़न किंग ‘साल की अविश्वसनीय कथाकार के लिए मेरा वोट’- द टाइम्स ‘डरावने मोड़ से भरी किताब’ - मेल ऑन संडे
About the Author
पॉला हॉकिन्स ने फ़िक्शन में हाथ आज़माने से पहले पंद्रह साल तक पत्रकार के रूप में काम किया। उनका जन्म और पालन-पोषण ज़िम्बाब्वे में हुआ। 1989 में पॉला लंदन आ गईं और अब वहीं रहती हैं। उनका पहला रोमांचक उपन्यास द गर्ल ऑन द ट्रेन अंतरराष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त उपन्यास है, जिसकी अब तक दुनियाभर में दो करोड़ से ज्यादा प्रतियाँ बिक चुकी हैं। यह उपन्यास 40 से अधिक भाषाओं में अनूदित किया जा चुका है और दुनिया का नंबर 1 बेस्टसेलर उपन्यास बन गया है। इस पर आधारित फ़िल्म भी बन चुकी है, जो बॉक्स ऑफ़िस पर हिट रही है। फ़िल्म में एमिली ब्लंट ने मुख्य भूमिका निभाई है। पॉला हॉकिन्स का दूसरा रोमांचक उपन्यास इनटु द वॉटर भी प्रकाशित हो चुका है और वह भी अंतरराष्ट्रीय नंबर 1 बेस्टसेलर है।