वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ तीन बातों से बनता है - शरीर मन और आतà¥à¤®à¤¾à¥¤ जिस दिन वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में इन तीनों का सही तालमेल हो जाà¤à¤—ा, तो उसे कहेंगे जीत का संयोग। यदि सफलता के साथ शांति चाहिठतो जीत के इस मेल को आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¥€ बनाना होगा। जो लोग शरीर, मन और आतà¥à¤®à¤¾ के मिलन को समठलेंगे, वे à¤à¥€à¤¤à¤° से ऋषियों की तरह होंगे और बाहर से शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धक। इसका यह अरà¥à¤¥ होगा कि हम शरीर से सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ रहें, मन से विशà¥à¤°à¤¾à¤® की मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ में रहें और आतà¥à¤®à¤¿à¤• रूप से होश में रहें। साथ ही, सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रखें और अपने काम के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आसà¥à¤¥à¤¾à¥¤ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ हमारी बाहरी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं को सकà¥à¤°à¤¿à¤¯, चौकनà¥à¤¨à¤¾ और थकान रहित बनाता है तथा आसà¥à¤¥à¤¾ हमें à¤à¥€à¤¤à¤° से अपने काम के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ बना देती है।