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यह पुस्तक मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोषी का आत्मकथात्मक संस्मरण है जिसमें उन्होंने अपने पांच दशकों की क्रिकेट कमेंटरी के अनुभवों को दर्ज किया है। इस पुस्तक में देश-विदेश में हुए उन मैचों के विवरण हैं जहाँ उन्होंने इन दशकों में पाँच सौ से अधिक मैचों में कमेंटरी दी थी। यह किताब क्रिकेट के प्रेमियों के लिए एक नायाब पुस्तक है जिसमें खेले की बारिकियाँ, उसका क्रमिक विकास, खिलाड़ियों का विश्लेषण और कई ऐसी कहानियाँ शामिल हैं जो आमतौर पर लोगों से अछूती रहती हैं। यह किताब सन् पचास के दशक से लेकर वर्तमान काल तक की क्रिकेट की कहानियों पर प्रकाश डालती है।

About the Author

सुशील दोशी को देश में हिंदी क्रिकेट कमेंटरी का जनक माना जाता है। उनके योगदान को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने सन् 2005 में 'लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार" तथा भारत सरकार ने सन् 2016 में 'पद्म श्री’ उपाधि से अलंकृत किया। वह देश के पहले ऐसे कमेंटेटर हैं, जिनके नाम से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के कमेंटरी बॉक्स को अब सुशील दोशी कमेंटरी बॉक्स कहा जाता है।
उन्होंने 500 से ज्यादा एक दिवसीय व टी-20 तथा 87 से ज्यादा टेस्ट मैचों की हिंदी में कमेंटरी की। हिंदी कमेंटरी के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, इंग्लैंड, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, हांगकांग व सिंगापोर की यात्राएँ कीं।
9780143452942
out of stock INR 200
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Aankhon Dekha Hal

ISBN: 9780143452942
₹200
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Details
  • ISBN: 9780143452942
  • Author: Sushil Doshi
  • Publisher: Hindi Pocket Books
  • Pages: 288
  • Format: Paperback
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Book Description

यह पुस्तक मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोषी का आत्मकथात्मक संस्मरण है जिसमें उन्होंने अपने पांच दशकों की क्रिकेट कमेंटरी के अनुभवों को दर्ज किया है। इस पुस्तक में देश-विदेश में हुए उन मैचों के विवरण हैं जहाँ उन्होंने इन दशकों में पाँच सौ से अधिक मैचों में कमेंटरी दी थी। यह किताब क्रिकेट के प्रेमियों के लिए एक नायाब पुस्तक है जिसमें खेले की बारिकियाँ, उसका क्रमिक विकास, खिलाड़ियों का विश्लेषण और कई ऐसी कहानियाँ शामिल हैं जो आमतौर पर लोगों से अछूती रहती हैं। यह किताब सन् पचास के दशक से लेकर वर्तमान काल तक की क्रिकेट की कहानियों पर प्रकाश डालती है।

About the Author

सुशील दोशी को देश में हिंदी क्रिकेट कमेंटरी का जनक माना जाता है। उनके योगदान को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने सन् 2005 में 'लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार" तथा भारत सरकार ने सन् 2016 में 'पद्म श्री’ उपाधि से अलंकृत किया। वह देश के पहले ऐसे कमेंटेटर हैं, जिनके नाम से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के कमेंटरी बॉक्स को अब सुशील दोशी कमेंटरी बॉक्स कहा जाता है।
उन्होंने 500 से ज्यादा एक दिवसीय व टी-20 तथा 87 से ज्यादा टेस्ट मैचों की हिंदी में कमेंटरी की। हिंदी कमेंटरी के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, इंग्लैंड, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, हांगकांग व सिंगापोर की यात्राएँ कीं।

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